Gold Rate – अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो सोने की चमक पर भरोसा करते हैं, तो ये खबर आपके लिए किसी गोल्डन टिप से कम नहीं है। इन दिनों बाजार में सोना सिर्फ शगुन या गहनों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ये एक दमदार निवेश का ज़रिया बन चुका है। और जब शेयर बाजार में उथल-पुथल हो या महंगाई बढ़ रही हो – तब तो लोग सीधे गोल्ड की तरफ ही भागते हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में सोने का उछाल
सिर्फ 7 दिन में सोने की कीमत में ₹3700 से ज्यादा की छलांग लगी है। मतलब हर दिन करीब ₹500 का इजाफा! 22 कैरेट सोना भी पीछे नहीं है – उसमें भी ₹3400 की तेजी आई है। ये आंकड़े सिर्फ चार्ट पर नहीं, बल्कि सीधे आपकी जेब और निवेश की प्लानिंग पर असर डाल रहे हैं।
इतनी तेजी क्यों आ रही है?
अब सवाल है कि ये सोना इतना क्यों भाग रहा है? पहली बड़ी वजह है रुपये का कमजोर होना और डॉलर का मजबूत होना। जब रुपया गिरता है तो आयात महंगा हो जाता है और भारत ज्यादातर सोना आयात करता है, इसलिए दाम बढ़ना तय है। इसके अलावा, मिडल ईस्ट का तनाव जैसे इजराइल-ईरान विवाद और दुनियाभर में बढ़ती महंगाई भी इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इन हालातों में लोग सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने में पैसा लगाते हैं।
लोकल सर्राफा बाजार में भी हलचल
दिल्ली, मुंबई, लखनऊ जैसे शहरों में 24 कैरेट सोना ₹99,750 तक पहुंच चुका है। वहीं 22 कैरेट सोना भी ₹95,000 के करीब बिक रहा है। सर्राफा व्यापारियों के लिए तो ये जैसे बोनस टाइम चल रहा है – पुराने स्टॉक की वैल्यू बढ़ रही है और ग्राहक डर के मारे अभी ही खरीदारी कर रहे हैं।
एक महीने में 11% का रिटर्न!
15 मई 2025 को सोने का रेट ₹90,890 था और अब जून आते-आते ये ₹1 लाख को पार कर गया है। यानी एक महीने में ही करीब ₹10,000 की तेजी – लगभग 11% का रिटर्न। सोचिए, क्या कोई FD या म्यूचुअल फंड इतनी जल्दी इतना रिटर्न देता है?
क्या अगस्त-सितंबर तक बढ़ेगा और?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ग्लोबल टेंशन, कमजोर रुपया और त्योहारों का सीजन ऐसे ही बना रहा, तो सोना ₹1,05,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। यानी जो अभी खरीद रहा है, उसे बाद में मुनाफा हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें – बाजार कभी सीधा नहीं चलता। मई में ही सोना ₹99,358 से गिरकर ₹90,890 तक आ गया था। इसलिए जल्दबाज़ी में खरीददारी से बचना समझदारी होगी।
निवेशकों के लिए गोल्डन प्लान
अगर आप निवेश की सोच रहे हैं तो SIP के ज़रिए गोल्ड ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) एक बढ़िया विकल्प है। इससे थोड़ा-थोड़ा कर के आप हर महीने निवेश कर सकते हैं। फिजिकल गोल्ड यानी गहने खरीदने से बचना बेहतर रहेगा – क्योंकि उसमें मेकिंग चार्ज, स्टोरेज और चोरी का रिस्क होता है। अगर आपने पहले से सोना लिया हुआ है, तो अब एक बार पोर्टफोलियो रिव्यू करना सही रहेगा। हो सके तो थोड़ा मुनाफा बुक करके फिर से SIP में पैसे लगाइए।
आम लोगों के लिए इसका क्या मतलब?
त्योहार हो, शादी-ब्याह या सिर्फ निवेश – भारत में सोना हर जगह जुड़ा हुआ है। लेकिन बढ़ती कीमतों की वजह से अब लोग 1 ग्राम, 2 ग्राम या छोटे गोल्ड कॉइन लेने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जो पहले 10 ग्राम के गहने लेते थे, वो अब उतनी रकम में सिर्फ 5 ग्राम खरीद पा रहे हैं।
क्या करें और क्या न करें
अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड में पैसा लगाना चाहते हैं, तो अभी का समय अच्छा हो सकता है – लेकिन प्लानिंग के साथ। बाजार की अनिश्चितता को ध्यान में रखकर SIP, SGB और गोल्ड फंड्स जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दें। और याद रखें – अगर इंटरनेशनल स्थितियां बिगड़ी तो सोने की चमक और बढ़ सकती है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई कीमतें और अनुमान बाजार विश्लेषकों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह जरूर लें और सरकारी स्रोतों से नवीनतम जानकारी की पुष्टि करें।