Gold Rate : इन दिनों सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कभी सोना रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई पर पहुंच जाता है, तो कभी कीमतों में अचानक गिरावट आ जाती है। जून 2025 में सोने ने 16 तारीख को 10 ग्राम का दाम ₹1,01,078 तक छू लिया था। लेकिन इसके बाद लगातार 5 दिन तक इसमें गिरावट आई और अब ये करीब ₹2,000 तक सस्ता हो चुका है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सोना आगे और गिरेगा या फिर फिर से ऊंचाई छुएगा?
75 साल में केवल 13 बार आई है ऐसी तेजी
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने में इस बार जो उछाल देखा गया है, वैसा पिछले 75 सालों में सिर्फ 13 बार ही हुआ है। पिछले 20 वर्षों में सोने ने करीब 1200 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यही कारण है कि आज भी सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।
2025 में अब तक कैसा रहा प्रदर्शन?
2025 की शुरुआत में सोना लगभग ₹76,000 प्रति 10 ग्राम था। धीरे-धीरे यह बढ़ता हुआ 16 जून को ₹1,01,078 के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। यानी अब तक सोना करीब 36% का रिटर्न दे चुका है, जो इसे शेयर बाजार, एफडी और रियल एस्टेट जैसे अन्य एसेट क्लास से बेहतर बनाता है।
किन वजहों से बदलती है सोने की कीमत?
सोने की कीमतें कई चीजों से प्रभावित होती हैं – जैसे वैश्विक राजनीति, युद्ध, मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, डॉलर की मजबूती, घरेलू मांग और त्योहारों का सीजन। हाल ही में इजराइल-ईरान संघर्ष और वैश्विक अनिश्चितता के चलते सोने में तेजी देखी गई। वहीं, शादी-विवाह के सीजन में भी घरेलू मांग बढ़ जाती है जिससे सोने के दाम ऊपर जाते हैं।
एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय
आने वाले समय में सोने के दाम क्या होंगे, इस पर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है।
सिटी रिसर्च का कहना है कि अब युद्ध और वैश्विक संकट का असर कम होगा। इससे लोग शेयर बाजार की ओर लौटेंगे और सोने की मांग घटेगी। उनका अनुमान है कि दिसंबर 2025 तक सोने का भाव ₹95,000 और जून 2026 तक ₹77,000 तक आ सकता है।
गोल्डमैन सैक्स इसके उलट मानता है कि सोना और तेजी पकड़ सकता है। उनके अनुसार, साल के अंत तक सोने की कीमत 4500 डॉलर प्रति औंस यानी ₹1,38,000 तक पहुंच सकती है।
जॉन मिल, जो कि एक मशहूर बाजार विश्लेषक हैं, उन्होंने सोने में गिरावट की आशंका जताई है। उनका कहना है कि डिमांड घटेगी और सप्लाई बढ़ेगी। इससे कीमत गिरकर ₹56,000 तक भी आ सकती है।
निवेशक क्या करें?
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सोने में SIP की तरह धीरे-धीरे निवेश करना बेहतर हो सकता है। लेकिन अगर आप शॉर्ट टर्म मुनाफा चाहते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार की हलचल और आर्थिक स्थिति पर नजर रखना जरूरी है।