चेक बाउंस होने पर क्या है सजा, जानिए वो गलती जो दिला सकती है 2 साल की सजा – Cheque Bounce Rule

By Prerna Gupta

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Cheque bounce rule

Cheque Bounce Rule : आज के डिजिटल जमाने में भले ही ऑनलाइन पेमेंट का चलन बढ़ गया हो, लेकिन चेक से भुगतान अब भी एक भरोसेमंद तरीका माना जाता है। खासकर बिजनेस डीलिंग या बड़े लेन-देन में लोग अब भी चेक का सहारा लेते हैं। मगर अगर आपने किसी को चेक दिया है और वह बाउंस हो गया, तो यह सिर्फ एक बैंकिंग गलती नहीं बल्कि कानूनी अपराध है, जिसकी वजह से जेल तक जाना पड़ सकता है।

चेक बाउंस के मुख्य कारण

चेक बाउंस होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन इनमें सबसे आम कारण है – खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना। इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं:

  • चेक पर हस्ताक्षर मेल न खाना
  • चेक पर ओवरराइटिंग या कोई कटिंग होना
  • चेक की वैधता खत्म हो जाना (चेक जारी करने के तीन महीने के अंदर जमा करना जरूरी)
  • गलत तारीख या पोस्ट डेटेड चेक

चेक बाउंस होते ही पहला कदम

जब कोई चेक बाउंस होता है, तो बैंक सबसे पहले:

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  • चेक देने वाले (देनदार) पर पेनाल्टी लगाता है
  • चेक लेने वाले (लेनदार) को लिखित में कारण बताता है
  • यह जानकारी बैंक की रसीद के रूप में दी जाती है, जो आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जरूरी होती है।

भुगतान के लिए कितना समय मिलता है?

चेक बाउंस होने पर:

  1. चेक लेनदार, चेक देनदार को नोटिस भेजता है
  2. यह नोटिस 30 दिनों के भीतर भेजा जाना चाहिए, जब बैंक से बाउंस की सूचना मिलती है।
  3. नोटिस मिलने के बाद चेक देनदार को 15 दिन का समय मिलता है राशि का भुगतान करने के लिए।
  4. अगर इस अवधि में भुगतान नहीं होता, तो लेनदार कानूनी मामला दर्ज कर सकता है।

लीगल नोटिस की अनदेखी पड़ सकती है भारी

अगर चेक देनदार लीगल नोटिस के बाद भी भुगतान नहीं करता, तो उस पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके तहत:

  • चेक देनदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
  • मामला स्थानीय पुलिस थाने या अदालत में चलता है।

क्या है सजा का प्रावधान?

चेक बाउंस के मामले में दोषी पाए जाने पर:

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  • अधिकतम दो साल की जेल हो सकती है
  • या चेक राशि का दोगुना जुर्माना भरना पड़ सकता है
  • कभी-कभी कोर्ट दोनों सजा एक साथ भी दे सकती है
  • साथ ही, ब्याज की राशि भी देनदार को चुकानी पड़ सकती है

कैसे बचें इस झंझट से?

  • चेक देने से पहले सुनिश्चित करें कि खाते में पर्याप्त बैलेंस हो
  • चेक भरते समय साफ-सुथरे तरीके से और बिना कटिंग के भरें
  • सही तारीख और सही हस्ताक्षर करें
  • पुराने या एक्सपायर्ड चेक का इस्तेमाल न करें
  • चेक बाउंस होने की स्थिति में समय रहते भुगतान करें, ताकि कानूनी पचड़े में न पड़ें

चेक बाउंस सिर्फ वित्तीय गलती नहीं बल्कि गंभीर कानूनी अपराध है। इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। यदि आपने किसी को चेक दिया है, तो सावधानी से भरें और यदि किसी का चेक आपके खाते में बाउंस होता है, तो कानूनी अधिकारों का सही समय पर उपयोग करें। चेक से जुड़ी सजगता ही आपको परेशानियों से बचा सकती है।

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