Govt Employees Allowances : केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन के साथ-साथ कई तरह के भत्ते भी देती है, जिनमें महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, मकान किराया भत्ता और ड्रेस भत्ता शामिल हैं। लेकिन हाल ही में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने ड्रेस भत्ते के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव का असर खासकर नए भर्ती कर्मचारियों पर होगा, जिनके ड्रेस भत्ते की राशि अब कम हो जाएगी।
पुरानी व्यवस्था क्या थी?
पहले कर्मचारियों को हर साल जुलाई में पूरे वर्ष के लिए ड्रेस भत्ता एक साथ दिया जाता था। इसमें यह नहीं देखा जाता था कि कर्मचारी ने साल में कब ज्वाइन किया है। यानी, अगर कोई कर्मचारी दिसंबर में नौकरी करता है तब भी उसे पूरे साल का भत्ता मिलता था। यह नियम पुरे सरकारी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू था।
नए नियम क्या हैं?
अब जुलाई 2025 के बाद नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को ड्रेस भत्ता प्रो-रेटा यानी सेवा के महीनों के हिसाब से मिलेगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई दिसंबर में ज्वाइन करता है तो उसे सिर्फ उस महीने से अगले जुलाई तक का ही भत्ता मिलेगा, न कि पूरे साल का। यह नियम सिर्फ नए कर्मचारियों पर लागू होगा, पहले से काम कर रहे कर्मचारियों के भत्ते में कोई बदलाव नहीं होगा।
कैसे होगा ड्रेस भत्ते की गणना?
ड्रेस भत्ते की राशि को 12 महीनों में बांटा जाएगा और फिर कर्मचारी के काम करने वाले महीनों से गुणा किया जाएगा। जैसे अगर कोई अक्टूबर में नौकरी शुरू करता है तो उसे अक्टूबर से जून तक के 9 महीनों का भत्ता मिलेगा। यह तरीका ज्यादा उचित और वैज्ञानिक माना जा रहा है।
सेवानिवृत्ति के समय भत्ते के नियम
अभी जो कर्मचारी दिसंबर के बाद रिटायर होते हैं, उन्हें पूरे साल का ड्रेस भत्ता मिलता है। वहीं दिसंबर से पहले रिटायर होने वालों को आधा यानी 6 महीने का भत्ता मिलता है। नए नियम लागू होने के बाद यह गणना भी सेवा के महीनों के हिसाब से की जा सकती है।
कर्मचारियों में असमंजस
नए नियमों की घोषणा के बाद कर्मचारियों में भ्रम और चिंता फैल गई है। खासकर यह सवाल उठा है कि रिटायरमेंट के समय भत्ते का क्या होगा। अभी तक पुराने नियम लागू हैं और नए आदेश आने तक यही मान्य होंगे। कर्मचारी संघ भी इस बदलाव पर चर्चा कर विरोध कर सकते हैं।
ड्रेस भत्ते की दरें
7वें वेतन आयोग के अनुसार, सामान्य कर्मचारियों को सालाना 5,000 रुपये, विशेष ड्रेस पहनने वाले कर्मचारियों को 10,000 रुपये और सैन्य बलों को 20,000 रुपये सालाना ड्रेस भत्ता मिलता है। यह राशि कर्मचारियों की वर्दी और कपड़ों की जरूरतों को पूरा करने के लिए दी जाती है।
भविष्य में अन्य बदलाव भी संभव
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ड्रेस भत्ते के अलावा अन्य भत्तों की भी समीक्षा जारी है। सरकार इन्हें और तर्कसंगत बनाने की कोशिश कर रही है ताकि सरकारी खर्च में नियंत्रण रखा जा सके। सभी बदलाव धीरे-धीरे और कर्मचारियों को पहले से सूचित करके किए जाएंगे।
नोट: यह लेख सरकारी सूत्रों और समाचारों पर आधारित है। ड्रेस भत्ते के नियमों में कोई भी आधिकारिक बदलाव सरकारी अधिसूचना के बाद ही लागू होगा। कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक वेबसाइटों से जानकारी जरूर जांचें।