Scheme For Poor Family : बिहार के लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने मंगलवार को कई बड़े और जनहित से जुड़े फैसले लिए हैं। राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 46 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनका सीधा फायदा गांवों में रहने वाले गरीब, जरूरतमंद और महिलाओं को मिलेगा।
गांवों और पंचायतों को मिलेगा ज्यादा अधिकार
सरकार ने फैसला लिया है कि अब पंचायतों को ज्यादा पैसे खर्च करने का अधिकार मिलेगा। इससे गांवों का विकास तेजी से होगा। साथ ही हर पंचायत में शादी-विवाह के लिए विवाह मंडप बनाए जाएंगे ताकि ग्रामीणों को सहूलियत मिले।
पेंशन में बढ़ोतरी और महिलाओं के लिए ज्यादा लोन
बुढ़ापा पेंशन, विधवा पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशनों में अब बढ़ोतरी की जाएगी, जिससे बुजुर्गों और बेसहारा महिलाओं को मदद मिलेगी। इसके अलावा, जीविका योजना से जुड़ी महिलाओं को अब पहले से ज्यादा लोन की सुविधा मिलेगी ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
गरीब परिवारों को मिलेगी 2 लाख रुपये की मदद
कैबिनेट के सबसे अहम फैसलों में से एक है जातीय जनगणना के आधार पर आर्थिक मदद देना। राज्य में हुई 2023 की जातिगत जनगणना के अनुसार, 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान की गई है। इन सभी परिवारों को सरकार 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी ताकि वे अपना रोजगार शुरू कर सकें। ये पैसा उन्हें लौटाना नहीं होगा।
इस योजना के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई गई है जो इसकी निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सही लोगों तक मदद पहुंचे।
किन्हें मिलेगा फायदा?
इस योजना का लाभ सभी वर्गों के गरीब परिवारों को मिलेगा, चाहे वे सवर्ण हों या पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित या अल्पसंख्यक। सरकार ने साफ किया है कि मदद जाति के आधार पर नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर दी जाएगी। जरूरत पड़ी तो सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाया भी जा सकता है।
योजना का लाभ लेने के लिए क्या जरूरी है?
जो भी लोग इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करना होगा:
- परिवार का नाम 2023 की जातीय जनगणना की सूची में होना चाहिए
- आवेदक गरीबी रेखा से नीचे (BPL) होना चाहिए
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
इन दस्तावेजों के साथ योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है। जल्द ही सरकार आवेदन प्रक्रिया और तारीखों की जानकारी भी जारी करेगी।
बिहार सरकार के ये फैसले खासकर गरीबों, महिलाओं और गांवों के लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आए हैं। इससे गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और हर वर्ग को बराबरी का मौका मिलेगा।